अंकल थे ना, देदी पप्पी। इसमें उन्होंने ले ली मेरी पप्पी ।। अंकल थे ना, देदी पप्पी। इसमें उन्होंने ले ली मेरी पप्पी ।।
क्यों हुआ है तू निराश , क्यों छोड़ दी है तूने जीतने की आस I क्यों हुआ है तू निराश , क्यों छोड़ दी है तूने जीतने की आस I
ना गुजरता तेरी गलियों से तो अच्छा होता ना जाता उस चौबारे पर तो अच्छा होता। ना गुजरता तेरी गलियों से तो अच्छा होता ना जाता उस चौबारे पर तो अच्छा होता।
वीरान होती बस्ती दर बस्ती हो गई जीवन कितनी सस्ती। वीरान होती बस्ती दर बस्ती हो गई जीवन कितनी सस्ती।
लकीरों में नहीं कर्म से, सींच अपने भाग्य का मंजर I लकीरों में नहीं कर्म से, सींच अपने भाग्य का मंजर I
तन्हाई में ये दिल अकेला पड़ जाता है! तन्हाई दूर करने के लिए एक तन्हा दिल ही काम आता है! तन्हाई में ये दिल अकेला पड़ जाता है! तन्हाई दूर करने के लिए एक तन्हा दिल ही काम आ...